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वीडियो: देवभूमि की वादियों में ये कैसी अवैध खेती, ड्रग्स की खुलती है राह, अब चला डंडा

उत्तराखंड के सुदूर उत्तरकाशी में सीएम धामी की ड्रग्स फ्री देवभूमि को पलीता लगाने वालों को कप्तान सरिता डोबाल ने सिखाया सबक, नष्ट कर डाली 40 नाली खेती

Rajkumar Dhiman, Dehradun: जिन खेतों में मंडुआ और झंगोरा जैसे मोटे अनाज की फसल लहलहानी चाहिए, वहां हेरोइन, स्मैक और ब्राउन शुगर जैसे घातक ड्रग्स तैयार करने में काम आने वाली अफीम उगाई जा रही है। देवभूमि उत्तराखंड में लहलहाई जा रही अफीम की खेती मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की ड्रग्स फ्री देवभूमि मुहिम को भी पलीता लगा रही है। हालांकि, उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल के नेतृत्व में धरासू पुलिस अफीम की अवैध खेती को निरंतर नष्ट करती जा रही है। बीते एक सप्ताह में पुलिस टीम ने उत्तरकाशी के अलग-अलग गांव और तोक में 40 नाली में उगाई जा रही अफीम की खेती को नष्ट कर दिया। साथ ही नागरिकों को अवैध खेती के नुकसान और इसके कानूनी प्राविधान के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। क्योंकि, इस तरह के कृत्य में दोषी पाए जाने पर 20 वर्ष तक की सजा का प्राविधान है।

धरासू थाने के प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार के अनुसार 03 अप्रैल को उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर सिरा गांव के टिपरा तोक 25 नाली (0.5 हेक्टेयर) और इससे पहले 31 मार्च को बनचौरा क्षेत्र के जेष्टवाड़ी गांव के मलाड़ी व देवीदार तोक में 15 नाली (0.3 हेक्टेयर) भूमि पर उगाई जा रही अफीम की खेती को नष्ट किया गया। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक शत प्रतिशत अफीम की खेती को नष्ट नहीं कर दिया जाता। यह कार्रवाई राजस्व विभाग की टीम के साथ संयुक्त रूप की जा रही है।

कार्रवाई करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार के अलावा थानाध्यक्ष छाम सुखपाल सिंह मान, राजस्व उपनिरीक्षक (बनगांव दशगी क्षेत्र) विजयपाल सिंह, राजस्व उपनिरीक्षक (रमौली दशगी क्षेत्र) विकास सेमवाल, पुलिस टीम थाना धरासू और छाम (टिहरी) के विभिन्न कर्मी शामिल रहे।


उत्तरकाशी में अफीम की खेती को नष्ट करती पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम।

जानिए अफीम के बारे में
अब बता करते हैं कि आखिर अफीम क्या होता है। अफीम तो उगाकर हासिल तिया जाता है और इसमें जो मार्फिन मिलती है, इससे अलग अलग नशे बनते हैं। अफीम का दूधनुमा पदार्थ निकालने के लिये उसके कच्चे, ‘फल’ में एक चीरा लगाया जाता है, फिर इसे सुखाया जाता है, जिससे अफीम प्राप्त होता है।

अफीम से बनते हैं ये हानिकारक पदार्थ
हेरोइन: अगर हेरोइन की बात करें तो ये भी अफीम से बनता है और इसे मानव द्वारा ही तैयार किया जाता है। हेरोइन में मार्फिन भी होता है, जो मेडिकल के क्षेत्र में पेनकिलर दवा के रूप में काम में लिया जाता है। अफीम और एसिटिक मिलाकर हेरोइन को तैयार किया जाता है, इसे डाई एसिटिल भी कहा जाता है।

स्मैक: स्मैक अपने आप में कोई नैचुरल प्रोडक्ट नहीं है, इसे मशीन से तैयार किया जाता है। यह अफीम से तैयार की जाती है। अफीम से कई तरह के नशीले पदार्थ तैयार किए जाते हैं, जिसमें स्मैक भी शामिल है। स्मैक बनाने के लिए अफीम में दूसरे पदार्थों को भी शामिल किया जाता है, फिर अफीम बनती है।

ब्राउन शुगर: ब्राउन शुगर भी अफीम से बनती है। ये भी पाउडर फॉर्म में होता है और इसमें 20 फीसदी हेरोइन होती है। इसे भी अलग तरीके से बनाया ही जाता है।

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