सहस्रधारा-चमासारी मार्ग भूस्खलन से बंद, दो दिन से ग्रामीण कैद
इससे करीब 250 मीटर सड़क को भारी नुकसान
देहरादून: भारी वर्षा देहरादून के कई क्षेत्रों में आफत बन गई है। भूस्खलन, बाढ़ से आपदा जैसे हालात बन गए हैं। खासकर सहस्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। सहस्रधारा-चामासारी मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण करीब 50 मीटर सड़क ढह गई है। जिससे करीब एक दर्जन गांव का संपर्क कट गया है। मालदेवता क्षेत्र में नदी के उफान और पहाड़ों से आ रहे मलबे के कारण करीब छह परिवारों ने परिचितों के घरों में शरण ले ली है। सरखेत-सुवाखोली मार्ग बह गया है और विद्युत पोल गिरने से क्षेत्र की करीब 15 हजार की आबादी अंधेरे में है।
सोमवार दोपहर में हल्की वर्षा के बीच सहस्रधारा से चामासारी जाने वाले मार्ग पर पहाड़ी दरक गई। जिससे सड़क का काफी बड़ा हिस्सा मलबे के साथ ढह गया। इससे करीब 250 मीटर सड़क को भारी नुकसान
पहुंचा है। सेरा गांव के पूर्व प्रधान रतन जवाड़ी ने बताया कि वर्षा काल में चामासारी मार्ग पर आए दिन भूस्खलन होता है और क्षेत्रवासियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सोमवार को मार्ग बंद की सूचना लोनिवि को दी, जिस पर शाम तक जेसीबी सड़क खोलने में जुट गई, लेकिन अगले दो से तीन दिन तक मार्ग पर आवाजाही सुचारू होने की उम्मीद नहीं है। रास्ता बंद होने से करीब 12 से अधिक गांव का संपर्क मुख्य बाजार से कट गया है। रसद समेत अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति बंद हो गई और ऐसी स्थिति में गांव के बच्चे सहस्रधारा स्थित स्कूल तक नहीं जा पाते।
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सरखेत में बिजली के खंभे बहे, अंधेरे में हजारों की आबादी
मालदेवता क्षेत्र में सरखेत में आपदा का प्रकोप है। बांदल नदी के उफान के कारण घरों व दुकानों को खतरा बना हुआ है। दो दिन से हो रही भारी वर्षा के कारण क्षेत्र में सीतापुर के पास मालदेवता-सुवाखोली मार्ग का करीब 200 मीटर हिस्सा बह गया है। जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप है। सड़कों के पुश्ते और नदी में किए गए बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम भी बह गए हैं। इसके अलावा अस्थायी पुलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। नदी किनारे स्थित विद्युत पोल और लाइनों को भी खासी नुकसान पहुंचा है। सरखते में विद्युत पोल उखड़कर नदी किनारे गिर गया और विद्युत लाइनें टूट गई। जिससे पूरे क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। मौसम की मार से क्षेत्र की करीब 15 हजार की आबादी बुरी तरह प्रभावित है। अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से समुचित राहत कार्य भी नहीं किए जा रहे हैं। नदी के उफान और भारी वर्षा के कारण पहाड़ियों से लगातार आ रहे मलबे के घरों में घुसने से क्षेत्रवासी परेशान हैं और कुछ परिवारों ने अपने घर छोड़कर दूसरे स्थानों पर शरण ले ली है।