संस्कृत छात्रों को नहीं मिलती संडे की छुट्टी, जानिए इसका कारण
संस्कृत छात्रों को रविवार को अवकाश का लाभ देने को हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका, कोर्ट ने मांगा प्रति-शपथपत्र
Amit Bhatt, Dehradun: क्या आपको पता है कि संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रों को रविवार के दिन अवकाश नहीं दिया जाता है। इसी बात से रुष्ट होकर एक व्यक्ति ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। कोर्ट ने प्रदेश के संस्कृत महाविद्यालयों में रविवार को अवकाश नहीं किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर याचिकाकर्ता से एक सप्ताह के भीतर प्रति-शपथपत्र पेश करने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई 14 दिसंबर 2023 को होगी।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष पर्वतीय शिल्पकार सभा के अध्यक्ष गिरीश लाल आर्य, निवासी गोपेश्वर चमोली की जनहित याचिका पर सुनवाई की गई। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में रविवार को छुट्टी नही दी जाती है। इन विद्यालयों व महाविद्यालयों में पंचाग को देखकर त्रिपदा या अष्टमी को अवकाश किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में संस्कृत के 12 विद्यालय व महाविद्यालय हैं। जिनमें से तीन विद्यालयों में रविवार को अवकाश रहता है और अन्य में त्रिपदा या अष्टमी को अवकाश होता है।
जनहित याचिका में कहा गया है कि जब सभी जगह रविवार को अवकाश रहता है तो इन विद्यालयों व महाविद्यालयों में इसका लाभ क्यों नहीं दिया जाता। रविवार को अवकाश नहीं होने के कारण इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र प्रतियोगी परीक्षा में प्रतिभाग नही कर पाते, क्योंकि सभी परीक्षाएं रविवार को ही होती हैं। अष्टमी सप्ताह में किसी भी दिन आ सकती है या दो सप्ताह में कभी भी, यह पंचाग पर निर्भर करता है। इसलिए प्रदेश के सभी संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में रविवार को ही अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। यह संविधान के अनुछेद 14 का भी उल्लंघन है।