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रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा: अधिवक्ता विरमानी की जमानत पर ढाई घंटे बहस, फैसला सुरक्षित

जिला जज प्रदीप पंत की अदालत में हुई कमल विरमानी की जमानत याचिका पर सुनवाई, अभियोजन और बचाव पक्ष ने रखी अपनी-अपनी दलीलें

Amit Bhatt, Dehradun: रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मामले में 27 अगस्त से जेल में बंद दून के नामी अधिवक्ता कमल विरमानी की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई की गई। जिला जज प्रदीप पंत की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस हुई। अभियोजन व बचाव पक्ष की तमाम दलीलें सुनने के बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

जमानत याचिका पर अधिवक्ता कमल विरमानी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत लूथरा ने पैरवी की, जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता गुरु प्रसाद रतूड़ी ने तर्क रखे। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सिद्धांत लूथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल का नाम एफआईआर में नहीं है। उन्हें सह अभियुक्तों के बयान के आधार पर ही गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा भी उन्होंने जमानत की याचना करते हुए तमाम तर्क रखे।

दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत को नामंजूर करने को लेकर प्रकरण में किए गए फर्जीवाड़े पर तमाम तर्क रखे। जिला शासकीय अधिवक्ता गुरु प्रसाद रतूड़ी ने तर्क दिया कि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के प्रकरण में अभी पूछताछ का क्रम जारी है। प्रकरण में आरोपित कमल विरमानी व कंवर पाल सिंह मुख्य अभियुक्त बनाए गए हैं। यह मामला आमजन की संपत्ति को हड़पने से जुड़ा है। लिहाजा, प्रकरण में जमानत याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला जज प्रदीप पंत ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट अधिवक्ताओं से खचाखच भरी रही।

प्रकरण में कब क्या हुआ
-रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मामले में अधिवक्ता कमल विरमानी को 26 अगस्त को एसआईटी ने गिरफ्तार किया।
-27 अगस्त को सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया।
-02 सितंबर को सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट ने जमानत याचिका ख़ारिज कर दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा।
-रिमांड 03 सितंबर की सुबह 10 बजे से 05 सितंबर की सुबह 10 बजे तक के लिए मंजूर की गई।

सांकेतिक तस्वीर

रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 10 आरोपित किए जा चुके गिरफ्तार, नौ मुक़दमे दर्ज
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में केपी सिंह की गिरफ़्तारी के साथ अब तक कुल 10 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें अब तक संतोष अग्रवाल, दीपचंद अग्रवाल, रजिस्ट्रार कार्यालय का पूर्व कर्मचारी डालचंद, अजय सिंह क्षेत्री, विकास पांडे, अधिवक्ता इमरान अहमद, पीलीभीत का रहने वाला मक्खन सिंह, अधिवक्ता कमल विरमानी, पूर्व मुंशी रोहताश सिंह और कंवर पाल सिंह (केपी सिंह ) का नाम शामिल है। साथ ही प्रकरण में अब तक नौ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।

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