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बिल्डर साहनी की आत्महत्या से जुड़े ऑडियो सामने, मच सकती है भारी उथल पुथल

03 व्यक्तियों की बातचीत में कहानी साफ, हिस्सेदारी को लेकर बाकी पार्टनर नहीं, बल्कि साहनी नहीं थे सहमत

Rajkumar Dhiman, Dehradun: देहरादून के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या के बाद चल रही पुलिस की जांच और कानूनी कार्यवाही के बीच 02 संवेदनशील ऑडियो सामने आए हैं। दोनों ऑडियो अलग-अलग दिन पर 03 व्यक्तियों के बीच की बातचीत के हैं। जिसमें 02 व्यक्ति न सिर्फ 01 ही व्यक्ति से बात कर रहे हैं, बल्कि सभी की बातचीत का केंद्र बिल्डर सतेंद्र साहनी ही हैं। बातचीत में इस तरह की बात सामने आ रही है कि बिल्डर साहनी संभवतः हिस्सेदारी को लेकर किसी बात से सहमत नहीं थे। इसी दौरान किसी निवेशित राशि पर 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी या ब्याज अदायगी को सुरक्षित रखने का जिक्र भी आया है। ऑडियो में जो नाम सामने आए हैं, वह अपने अपने क्षेत्र में न सिर्फ प्रतिष्ठित नाम हैं, बल्कि उनकी यह बातचीत बहुत कुछ बयां करती है।

खबर में किसी भी व्यक्ति के नाम का उल्लेख अभी नहीं किया जा रहा है। क्योंकि roundthewatch.com न्यूज पोर्टल अभी इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। पुलिस के स्तर पर तस्वीर साफ हो जाने के बाद सभी के नाम का उल्लेख भी किया जाएगा। बिल्डर साहनी की आत्महत्या के चंद रोज बाद ही सामने आए आडियो में से एक 12.35 मिनट, जबकि दूसरा आडियो 10.11 मिनट का है। पहले ऑडियो में यह कहा जा रहा है कि भाभीजी का कॉल आया था, वह बहुत परेशान हैं। भाभीजी कह रही हैं कि यह (सतेंद्र साहनी) आजकल ढंग से सो नहीं पा रहे हैं। रात को एकदम से उठ जाते हैं। कई बार व्यवहार भी असामान्य हो जाता है। दूसरी तरफ ऑडियो में कहा जा रहा है कि सतेंद्र साहनी में सूझबूझ की कमी है। वह दूसरों की बातों में जल्दी आ जाते हैं। वहीं, वार्ता में शामिल दूसरे व्यक्ति कहते हैं कि यदि कुछ रीजनेबल नहीं होता है तो वह प्रोजेक्ट छोड़ने को तैयार हैं। लेकिन, सवाल किसी और का है। फिर तय होता है कि साहनी के साथ बैठ कर एक व्यापारी की तरह बात कर लेते हैं। लेकिन, वह डरते भी हैं, कहते हैं कि भैया गुस्सा हो जाते हैं। इस आगामी बातचीत के लिए साहनी व अन्य में एक-एक प्रोजेक्ट बांट लेने या किसी तरह की अन्य सहमति के प्रयास का जिक्र भी आता है।

दूसरे ऑडियो में एक व्यक्ति वही हैं, लेकिन दूसरा व्यक्ति पहले ऑडियो से भिन्न है। हालांकि, इसमें भी बातचीत के केंद्र में सतेंद्र साहनी ही हैं। कहा जा रहा है कि साहनी जो कुछ भी आज है, आप की ही बदौलत है। आप थे, नहीं तो साहनी कैसे उनके साथ बैठकर बात कर सकते थे। बात आगे बढ़ती है तो 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी या निवेशित रकम पर इतने ब्याज की बात पर अनिश्चितता व्यक्त की जाती है। आडियो में कहा जा रहा है कि जब 18.5 प्रतिशत पर गले मिलकर डील तय की गई तो अब गड़बड़ क्यों हो रही है। आडियो में यह बात भी सामने आती है कि सवाल जीजाजी का है, इसलिए उतना बल दिया जा रहा है। इस बातचीत में भी मिलकर हल निकालने के साथ ही बात न बनने पर कुछ तय करने की जिक्र होता है।

बात नहीं कर रहे साहनी और अन्य व्यक्ति
दूसरे आडियो में यह भी कहा जा रहा है कि साहनी और उनसे जुड़ा दूसरा व्यक्ति तो अब गुड मार्निंग के मैसेज भी नहीं कर रहे हैं। दोनों ने बात करना ही बंद कर दिया है। इससे यह लगता है कि प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य व्यक्तियों से बिल्डर सतेंद्र सहन किसी बात से नाराज थे। इसी कारण प्रोजेक्ट पर असमंजस की स्थिति भी बढ़ती जा रही थी। इसी दौरान राजपुर रोड के प्रोजेक्ट का जिक्र आता है, जिसमें जमीन मालिक के नाम का भी उल्लेख होता है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि आप दोनों भाइयों से तो मिल लिए थे और क्या बात रही।

प्रोजेक्ट की चिंता का भी जिक्र
पहले आडियो में इस तरह की चिंता व्यक्त की जा रही थी कि प्रोजेक्ट का भविष्य क्या होगा। शायद साहनी और एक अन्य खास पार्टनर में किसी बात को लेकर एक राय कायम न होने को लेकर यह स्थिति बन रही थी। शायद साहनी इस बात से भी परेशान थे कि सहस्रधारा रोड और राजपुर रोड के प्रोजेक्ट में उनकी हिस्सेदारी उनकी भूमिका के मुताबिक सीमित करने का प्रयास किया जा रहा था। शायद जो रकम वह साइलेंट पार्टनर गुप्ता बंधु से जुटा रहे थे, उसे वह एक बैंक की तरह दिए गए कर्ज के रूप में किसी ब्याज तक सीमित करना चाहते थे, लेकिन इसके विपरीत प्रत्यक्ष हिस्सेदारी देने का दबाव उन पर था।

एसपी सिटी की जांच में आरोपों की पुष्टि, बढ़ाई गई धारा
बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी ने जो शिकायत आत्महत्या के पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी थी, उसमें जांच अधिकारी एसपी सिटी प्रमोद कुमार को नामित किया गया था। एसपी सिटी के मुताबिक जांच पूरी कर रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी गई है। शिकायत में बिल्डर सतेंद्र साहनी के आरोपों की पुष्टि होती है। उन्हें धमकाया गया था। जिसके आधार पर आत्महत्या मामले में दर्ज मुकदमे में जबरन वसूली और धोखाधड़ी की धारा बढ़ा दी गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में जो भी आडियो, वीडियो या अन्य साक्ष्य सामने आएंगे, सभी का परीक्षण कराया जाएगा।

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