crimeDehradunUttarakhand

गुप्ता बंधु ने 15 करोड़ रुपए का भुगतान किन कंपनियों से करवाया, ईडी करेगा जांच 

बिल्डर सतेंद्र साहनी आत्महत्या से पहले पुलिस को थमा गए थे 03 कंपनियों की जानकारी, पुलिस ने 02 और कंपनियों की जुटाई जानकारी और भेजा नोटिस

Rajkumar Dhiman, Dehradun: गुप्ता बंधु अनिल गुप्ता और अनिल गुप्ता (अजय गुप्ता के बहनोई) बिल्डर सतेंद्र साहनी की 02 आवासीय परियोजनाओं में 450 से 550 करोड़ रुपए निवेश करने वाले थे। ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट के तहत उन्होंने साहनी की देखरेख वाली सहस्रधारा रोड और राजपुर रोड की आवासीय परियोजनाओं में शुरुआती अवस्था में भी 30 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर दिया था। लेकिन, इनमें से करीब 15 करोड़ रुपए ऐसे 03 कंपनियों के खातों से जारी करवाए गए, जो अधिकृत नहीं थे। न ही समझौते में इनका जिक्र था। इन कंपनियों की जानकारी सतेंद्र साहनी आत्महत्या से पहले शिकायती पत्र के रूप में पुलिस को थमा चुके थे। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी 15 करोड़ रुपए के भुगतान से जुड़ी इन्हीं कंपनियों की कुंडली बांचेगी। दूसरी तरफ पुलिस ने 02 और कंपनियों का पता विवेचना में लगाया है। जिनमें सुरपाल पब्लिसिटी प्रा. लि. और अर्जुन सिंह जोहाल कंपनी के नाम शामिल हैं। इस आधार पर 05 कंपनियों और एक व्यक्ति को नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस की अब तक की जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि बिल्डर सतेंद्र साहनी ने जब आवासीय परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए अजय गुप्ता के बहनोई अनिल गुप्ता के साथ अनुबंध किया तो उन्हें स्लीपिंग पार्टनर (निष्क्रिय भागीदार) के रूप में शामिल किया गया। समझौते के अनुसार गुप्ता बंधु को दोनों परियोजनाओं में उनके हिस्से के 40 प्रतिशत भाग का 85 प्रतिशत पैसा लगाना था। साथ ही गुप्ता बंधु को लाभ का 65 प्रतिशत हिस्सा दिया जाना था। दोनों परियोजनाओं में निवेश की रकम 450 से 550 करोड़ रुपए के बीच आंकी गई। गुप्ता बंधु ने इस पर सहमति जताते हुए साहनी की साहनी स्ट्रक्चर और साहनी इंफ्रा एलएलपी कंपनियों को 30.95 करोड़ रुपए का शुरुआती भुगतान भी कर दिया था। हालांकि, जब साहनी को इंटर्नल आडिट में पता चला कि अनिल गुप्ता ने अपने खाते से सिर्फ 15 करोड़ रुपए के करीब ही जारी किए और शेष राशि किन्हीं तीन कंपनियों के माध्यम से जारी की है तो वह सकते में आ गए थे।

साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह अनाधिकृत खातों से रकम नहीं लेंगे। क्योंकि, परियोजना में पब्लिक मनी (फ्लैट बुक कराने वाले) भी लग रही है। ऐसे में किसी भी ऊंच नीच की दशा में जनता का पैसा फंस सकता है। इसके बाद अनिल गुप्ता ने एक कंपनी की धनराशि का दायित्व तो स्वीकार किया, लेकिन बाकी दो कंपनियों की ओर से जारी धनराशि पर कुछ नहीं किया गया। तब बिल्डर साहनी ने अपने शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया था कि गुप्ता बंधु उन पर 200 करोड़ रुपए देने या समस्त परियोजना उनके नाम पर करने का दबाव भी बना रहे थे। इसके कुछ दिन बाद ही बिल्डर सतेंद्र साहनी ने आत्महत्या कर ली। अब ईडी अधिकारी गुप्ता बंधु से जुड़ी उन्हीं कंपनियों की कुंडली खंगालने वाले हैं, जिनका सुराग सतेंद्र साहनी आत्महत्या से पहले थमा गए थे। पुलिस ने अपने स्तर पर जांच करने के बाद अब वित्त पोषण के प्रकरण को ईडी को भेज दिया है।

गुप्ता बंधु ने इन कंपनियों से कराया भुगतान 
-अवानी परिधि एनर्जी एंड कम्युनिकेशन प्रा. लि.
– एन्वी होल्डिंग प्रा. लि.
– विजेता डिस्टलरीज एंड बेवरेजेस प्रा. लि.

15 करोड़ से कहीं आगे बढ़ सकती है ईडी की जांच 
माना जा रहा है कि ईडी जब संदिग्ध कंपनियों के भुगतान की जांच करेगी तो मामला सिर्फ 15 करोड़ रुपए टीके सीमित नहीं रहेगा। संभव है कि कई अन्य संदिग्ध लेनदेन भी ईडी अफसरों के लगेंगे। यदि ऐसा हुआ तो ईडी बड़े स्तर पर रकम को जब्त करने या संपत्ति को अटैच करने की कार्रवाई भी शुरू कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो कई ऐसी बातें भी बाहर आ सकती हैं, जो गुप्ता बंधु के अन्य कनेक्शन को भी जाहिर कर सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button