Haldwani: बनभूलपुरा दंगे में 03 एफआईआर और 04 गिरफ्तार, सीएस और डीजीपी का मोर्चा
5000 अज्ञात व्यक्तियों पर केस, 19 नामजद और उपद्रव में शामिल 100 से अधिक की चिह्नित
Amit Bhatt, Dehradun: हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर बने मदरसे और नमाज स्थल को तोड़ने को लेकर भड़के उपद्रव और दंगे को सरकार ने कानून व्यवस्था पर हमला करार दिया है। क्योंकि बेकाबू भीड़ ने न सिर्फ जमकर आगजनी की, बल्कि पुलिस और प्रशासन की टीम पर हमला भी बोल दिया। चौतरफा पत्थर बरसाए गए। साथ ही गोलियां चलाने के साथ ही थाने में आग लगाकर कई वाहन भी फूंक दिए गए। इस दंगे में अब तक 06 व्यक्तियों को मौत हो चुकी है, जबकि 250 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। दंगे में क्षेत्र के उपजिलाधिकारी, एसपी, निगम के कार्मिकों सहित कई पुलिस कर्मी भी चोटिल हुए हैं। पुलिस ने उपद्रव, आगजनी, तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति को नुकसान व सरकारी कार्य में व्यवधान आदि गंभीर धाराओं में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। चार उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही 5000 अज्ञात व्यक्तियों पर केस दर्ज करते हुए 19 को नामजद भी किया गया है। सभी पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है। मामले में 10-15 उपद्रवियों की सक्रिय भूमिका सामने आ रही है, जिन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया। प्रशासन के अनुसार 30 जनवरी को जब क्षेत्र के घर व छतों में चेकिंग की गई तो पत्थर व ईंट आदि नहीं थी। इसके बाद नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने के नोटिस दिए जाने के बाद उपद्रवियों ने सोची समझी साजिश के तहत छतों पर पत्थर एकत्र कर लिए।
हिंसा को देखते हुए क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने के साथ ही इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल से ही हालात की समीक्षा करने के साथ ही दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। अब मुख्य सचिव (सीएस) राधा रतूड़ी और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने भी हल्द्वानी पहुंचकर हालात का जायजा लिया। स्थिति को देखते हुए डीएम वंदना ने रात में ही कर्फ्यू लगाते हुए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए थे। हालात को काबू में रखने के लिए चार कंपनी पीएसी समेत जिलेभर के थाने व चौकियों का स्टाफ बनभूलपुरा में तैनात किया गया है। शुक्रवार को बाजार एवं सभी स्कूलों को बंद रखा गया है। इसके अलावा क्षेत्र में पैरा मिलिट्री फोर्स को भी लगाया गया है। तनाव की स्थिति को देखते हुए हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन ठप कर दिया गया है। सभी ट्रेनों का आवागमन लालकुआं रेलवे स्टेशन से किया जा रहा है।
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना और एसएसपी पीएस मीणा ने शुक्रवार सुबह प्रभावित क्षेत्र बनभूलपुरा का जायजा लिया। जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि गुरुवार शाम सुनियोजित साजिश के तहत थाने पर हमला किया गया। थाने पर पेट्रोल बम फेंककर आगजनी की गई। उपद्रवियों ने महिलाओं व बच्चों को आगे कर अराजकता की। घरों की छतों से पथराव किया गया। पूरी घटना कानून-व्यवस्था पर हमला है। उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। सुरक्षा के लिए पांच कंपनी आरएएफ व सीआरपीएफ भी बुलाई गई है। 1100 से अधिक पुलिसकर्मी मुस्तैद हैं। क्षेत्र में सुबह से फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
सीएम धामी के निर्देश, कैंप करेंगे एडीजी कानून-व्यवस्था
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एडीजी कानून और व्यवस्था एपी अंशुमान को प्रभावित क्षेत्र में कैंप करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अवैध निर्माण को हटाए जाने के दौरान पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों एवं कार्मिकों पर हुए हमले तथा क्षेत्र में अशांति फैलाने की घटना को सख्ती से लेते हुए अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त करवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव/ एडीजी अमित सिन्हा, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव जेसी कांडपाल उपस्थित थे।
उपद्रव करने में 100 से अधिक चिह्नित
बनभूलपुरा प्रकरण में पुलिस ने जगह-जगह सीसीटीवी की डीवीआर कब्जे में ले ली हैं। 100 से ज्यादा उपद्रवी चिन्हित किए गए हैं। अभी भी बवाल की आशंका को लेकर पुलिस अलर्ट मोड में है। शहर में कर्फ्यू से लोग घरों में कैद हैं। पुलिस के वाहन हर गली-मोहल्ले में पहुंच लोगों को सजग कर रहे हैं। उपद्रवियों के जंगलों में छुपे होने की आशंका पर वन विभाग के अधिकारी भी गश्त कर रहे हैं। दंगे के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित दिख रहा है। तनाव के बीच रोडवेज व टैक्सी वाहनों का संचालन भी प्रभावित है। रोडवेज प्रबंधन ने सुरक्षा को देख बसों का संचालन रोक दिया है। हालांकि, बनभूलपुरा छोड़कर हल्द्वानी शहर में दुग्ध उत्पादों की सप्लाई सुबह जारी रही। मंडी में फल-सब्जियां तो पहुंची, लेकिन खरीदार नहीं पहुंचने से पर्वतीय क्षेत्रों को भी आपूर्ति नहीं हो सकी है। कर्फ्यू से पेट्रोल पंपों पर भी ताला है। हल्द्वानी के सभी 28 पेट्रोल पंप बंद हैं और गैस सिलेंडर सप्लाई भी प्रभावित है।
यह है बनभूलपुरा का प्रकरण
बनभूलपुरा में पिछले साल रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी तैयारी भी कर ली थी। इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और वर्तमान में विचाराधीन है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा में पिछले दिनों नगर निगम और प्रशासन की टीम अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान यहां अवैध मदरसा और नमाज स्थल भी मिला। गुरुवार दोपहर सवा चार बजे करीब पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम बुलडोजर लेकर अतिक्रमण तोड़ने पहुंची थी। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के अलावा पुलिस व निगम कर्मचारी मिलाकर करीब 700 लोगों की फोर्स थी, लेकिन जैसे ही बुलडोजर और टीम आगे बढ़े, चारों तरफ से पथराव शुरू हो गया। देखते ही देखते करीब 10 हजार से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ जुट गई। सड़क से लेकर घरों की छतों से पत्थर बरसने लगे। एसडीएम कालाढूंगी रेखा कोहली, एसपी हरबंस सिंह, एसओ प्रमोद पाठक समेत पुलिस, निगमकर्मी संग पत्रकारों को पत्थर लगे। छह बजे तक बवाल पूरे क्षेत्र में फैल चुका था। भारी संख्या में उपद्रवी बनभूलपुरा थाने पहुंच गए। जहां उन्होंने थाने के बाहर खड़े पुलिस व मीडियाकर्मियों के एक दर्जन से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा अलग-अलग इलाकों में 50 से अधिक वाहन जलाए गए हैं। इसमें पीएसी व पुलिस की दो बस, सड़कों पर खड़े चौपहिया व दोपहिया वाहन शामिल हैं। दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है।
हाई कोर्ट ने बनभूलपुरा मामले में राहत देने से किया इन्कार
हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक का बगीचा व अच्छन खान के बगीचे में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता साफिया मलिक व अन्य को किसी तरह की राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 14 फरवरी नियत कर दी है। यह मामला इतना संवेदनशील था कि सरकार की ओर से महाधिवक्ता व अन्य सरकारी अधिवक्ता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह भूमि बिना कमिश्नर की अनुमति के कई बार हस्तांतरित की गई है, जबकि यासीन मलिक को यह भूमि कृषि उपयोग के लिए दी गई थी। शर्त यह थी कि इसमें बिल्डिंग नहीं बनाई जाएगी। यह भूमि ट्रांसफर नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी बिक्री कर दी गई, जो नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके पास 1937 की लीज है, जो मलिक परिवार से मिली है। सरकार इसमें कब्जा नहीं ले सकती। नगर निगम की ओर से जारी नोटिस में मदरसे को अवैध बताते हुए ध्वस्त करने को कहा गया है।
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हल्द्वानी में दंगे के बाद दून में पुलिस लाठी-डंडों से लैस
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए बवाल के बाद देहरादून में भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। घटना के बाद से ही एसएसपी अजय सिंह रात से ही गश्त पर हैं। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज हो के के चलते सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया। एसएसपी ने रात को हो पुलिस लाइन में तैनात फोर्स को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं वहीं थाना व कार्यालयों में तैनात फोर्स को लाठी डंडों से लैस रहने को कहा गया है। शुक्रवार सुबह एसपी देहात लोकजीत सिंह ने फोर्स को ब्रीफ़ किया। कहा कि किसी भी स्थिती से निपटने को हर समय तैयार रहें।